ओवरियन कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला पांचवा सबसे खतरनाक कैंसर है, जिसके कारण हर साल लाखों महिलाओं की मौत हो जाती है। आमतौर पर इस कैंसर का पता तब चलता है जब ये कैंसर पेल्विस और पेट तक पहुंच जाता है। ओवरियन कैंसर का इलाज कठिन होता है और कई ज्यादातर मामलों में ये जानलेवा साबित होता है। इस प्रकार के कैंसर में महिला के गर्भाशय में कुछ कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है।
ओवरियन कैंसर या गर्भाशय कैंसर के लक्षण
- नियमित रूप से पीरियड्स न होना।
- शरीर पर कहीं भी अनचाहे बालों का उगना।
- गर्भधारण के दौरान समस्या होना।
- अचानक मोटापा बढ़ना।
- पेट में भरीपन या फुलाहुआ महसूस होना।
- बार-बार पेट में दर्द होना।
- बहुत अधिक गैस बनना, दस्त लगना।
- पेल्विक पेन की शिकायत होना, कमर दर्द या फिर खट्टी डकारें आना।
- संभोग के दौरान दर्द की शिकायत होना।
- जरूरत से ज्यादा बार पेशाब जाना।
- अचानक वजन कम होना।
- वैजाइनल ब्लीडिंग होना।
ओवरियन कैंसर के बारे में जरूरी बातें
- ओवरियन कैंसर का इलाज संभव है अगर सामान्य लक्षणों को देखकर शुरुआत में ही इसका इलाज किया जाए।
- यदि समय से पहले या फिर शुरूआती अवस्था में ओवरियन कैंसर को पहचान लिया जाए तो तकरीबन 90 फीसदी मामलों को कंट्रोल किया जा सकता है।
- ओवरियन कैंसर का इलाज सर्जरी व कीमोथैरेपी से संभव है।
- मेनोपॉज के बाद ओवरी की कार्यक्षमता कम हो जाती है जिससे यूटरस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए।
- आमतौर पर ओवरियन कैंसर कुछ बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप,मोटापे, अत्यधिक तनाव, मेनोपोज, एनीमिया या इसी तरह के कारणों से होता है।
- कुछ आनुवांशिक कारण हों तो कई बार प्रेगनेंसी के दौरान ओवरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- 30 साल की उम्र के बाद पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में भी ओवरियन कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है।
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